राफेल डीलः कांग्रेस ने खोला मोर्चा, कहा, मोदी सरकार ने पूंजीपति मित्र अम्बानी को पहुंचाया फायदा

नई दिल्ली। राफेल डील घोटाले को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने केन्द्र सरकार और अम्बानी के खिलाफ शनिवार को दिल्ली के कनाट प्लेस पालिका बाजार के पास राफेल जहाज का प्रतिरुप बनाकर प्रदर्शित किए गए।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केन्द्र की मोदी सरकार और अम्बानी के द्वारा किए गए 1,71,000 करोड़ रुपये के घोटाले की जेपीसी से जांच करवाने से भाजपा की केन्द्र सरकार क्यों भाग रही है। राफेल डील में मोदी सरकार ने देश की बाहरी सुरक्षा व आंतरिक सुरक्षा को ताक पर रखकर राफेल जहाज के रखरखाव की जिम्मेदारी पब्लिक लिमिटेड कम्पनी हिन्दुस्तान एरोनाटिकल लिमिटेड की जगह अपने मित्र पूंजीपति अम्बानी की कम्पनी रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को दे डाली जो कि 12 दिन पहले ही रजिस्टर्ड हुई थी। जाहिर तौर पर जिसको हवाई जहाज बनाने व उसके रख-रखाव का कोई अनुभव नही है।

माकन ने कहा कि कांग्रेस की अगुवाई वाली केन्द्र सरकार के समय 12 दिसम्बर 2012 को अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर बीड खोली गई थी जिसके तहत प्रति राफेल जहाज की कीमत 526.10 करोड़ रुपये थी अर्थात 36 राफेल जहाज 18,940 करोड़ में खरीदे जाने थे। जबकि भाजपा की मोदी सरकार ने 36 राफेल जहाज प्रति जहाज 7.50 बिलियन यूरो अर्थात 1670.70 करोड़ में खरीदा जाएगा। यानि 36 राफेल जहाज की कीमत 60,145 करोड़ रुपये हो गई। माकन ने कहा कि बड़ी अजीब बात है कि जिन 36 राफेल जहाजों की कीमत 2012 में 18,940 करोड़ थी वह कैसे बढ़कर 4 साल में 60,145 करोड़ हो गई। माकन ने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार को यह बताना चाहिए कि किस प्रकार 36 राफेल जहाज की कीमत में 4 वर्षों में 41,205 करोड़ रुपया बढ़कर अंतर आ गया।

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माकन ने कहा कि राफेल डील में मोदी सरकार ने जानबूझकर पारदर्शिता नही रखी क्योंकि वे अपने पूंजीपति मित्र अम्बानी को फायदा पहुचाना चाहते है।

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