प्लास्टिक की बेकार बोतलों से बन रहे हैं टी-शर्ट

नई दिल्ली। क्या आपने कभी सोचा है, कि जब आप अपना पसंदीदा कोला या पानी पी लेते हैं तो इसकी बोतल का क्या होता है? आप कोल्ड ड्रिंक या पानी पीने के बाद बोतल को कचरे में फेंक देते हैं। लेकिन क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि आपने जिस बोतल को कचरे के डिब्बे में फेंक दिया वह बोतल आपके पास एक ऐसे रूप में वापस आ सकती है जिसे आप वास्तव में पहन सकते हैं! अब ऐसा संभव है।

दरअसल एक अत्याधुनिक इंडियन परफार्मेंस वीयर ब्रांड, एलसीस स्पोट्र्स ने ’वंडर टी’ और ’वंडर पोलो’ – टी-शट्र्स को बाजार में उतारा है, जिन्हंे रिसाइकिल किये गये पॉलिएस्टर से बनाया गया है। इन दोनों प्रकार की एक टी-शर्ट को बनाने के लिए आठ प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग किया जाता है। ये टी-शर्ट सामान्य टी-शर्ट की तुलना में मुलायम और हल्के होते हैं और इन्हें नवीनतम तकनीकों का उपयोग कर बनाया जाता है।

आम तौर पर, टी-शर्ट मानव निर्मित फाइबर, पॉलिएस्टर से बने होते हैं, जिन्हें बनाने के लिए भारी मात्रा में पानी, रसायन और जीवाश्म ईंधन का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, इसमें इस्तेमाल किये जाने वाले कच्चे माल और उप-उत्पाद जहरीले होते हैं और ये पानी और वायु को प्रदूषित करते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार के खतरे पैदा करते हैं।

एलसीस स्पोट्र्स के प्रबंध निदेशक रोशन बैद ने कहा भारत में उपभोक्ता तेजी से पर्यावरण के प्रति जागरूक हो रहे हैं, जो उनके खाने और पहनने के तौर-तरीकों से जाहिर हो रहे हैं। उनमें से कई उपभोक्ता शुद्ध पॉलिएस्टर को नापसंद करते हैं, जो ऊर्जा को बर्बाद करने वाला और गैर-टिकाऊ सिंथेटिक फाइबर है।

वंडर टी और वंडर पोलो अत्यधिक हल्के टी-शट्र्स हैं जिनका वजन केवल 85-90 ग्राम है। वे डायनामिक ड्राईइंग फिनिश के साथ आते हैं, जो पसीना और नमी को लंबे समय तक सोख कर नहीं रखता है, जिसके कारण यह पहनने और मेंटेन रखने के मामले में बेहद आरामदायक उत्पाद है। टी-शट्र्स स्पर्श करने में बेहद मुलायम हैं और इसमें एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-स्टेटिक फिनिश गुण भी हैं, जिसके कारण आप हमेशा तरोताजा महसूस करते हैं। आठ बेकार बोतलों से बनता है एक टी शर्ट। ऐसे टी-शट्र्स पहन कर आप पर्यावरण को बचाने में योगदान दे सकते हैं।

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