Delhi Mayor Election: दिल्ली को फिर से नही मिला मेयर, तीसरी बार टला चुनाव

नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (MCD) में मेयर चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और आम आदमी पार्टी  (AAP) के बीच घमासान लगातार जारी है। पार्षदों के हंगामे के बीच एक बार फिर दिल्ली को मेयर नही मिला। पहले दो बार 6 जनवरी और 24 को भी भारी हंगामे के बाद चुनाव को टालना पड़ा था। कयास लगाया जा रहा था कि 6 फरवारी को शायद दिल्ली वालों को अपना मेयर मिल जायेगा लेकिन एक बार फिर से हंगामे के बीच पीठासीन अधिकारी ने सदन की कार्यवाही को अगामी तारीख के लिए स्थगित कर दिया है।
तीसरी बार मेयर चुनाव में आप पार्टी के दो विधायकों की वोटिंग को लेकर हंगामा शुरू हुआ। पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने सोमवार को कहा कि आप पार्टी के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी और संजीव झा को अदालत से सजा मिल चुकी है, इसलिए उन्हें सदन में वोट देने का अधिकार नहीं है।
पीठासीन अधिकारी ने कहा कि उपराज्यपाल द्वारा मनोनीत एल्डरमैन को महापौर, उप महापोर और स्थायी समिति के चुनाव में वोट डालने का अधिकार है। इतने में ही आप पार्टी के पार्षदों आपत्ति जाहीर की और कहा कि गलत तरीके से चुनाव ना कराए जाएं, इसी पर सदन में हंगामा हो गया और पीठासीन अधिकारी को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज फिर आप पार्टी के नेताओं एवं पार्षदों ने पीठासीन अधिकारी के निर्देशों की अवहेलना की। उनके निर्देश के बावजूद दो नामांकित विधायक जो सजा आफता हैं सदन से उठ कर नहीं गये और मनोनीत पार्षदों के वोट के अधिकार पर आम आदमी पार्टी ने फिर विरोध किया।

कांग्रेस कमेटी प्रदेश अध्यक्ष अनिल चैधरी ने कहा, आप पार्टी और भाजपा की खींचातनी और मनमानी के कारण निगम के मेयर चुनाव का तीसरा प्रयास खत्म करके दोनो दलों ने लोकतांत्रिक नियमों और सदन की मर्यादाओं की धज्जियां उढ़ा दी है, जो लोकतंत्र की हत्या के समान है।

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