नूपुर शर्मा ने अपने शब्द लिए वापस कहा..। Twitter पर नूपुर, नवीन को मिला जबरदस्त समर्थन

प्रमोद गोस्वामी, यु.सि.। भारतीय जनता पार्टी (BJP) राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) और दिल्ली भाजपा के मीडिया इंचार्ज नवीन जिंदल (Naveen Jindal) को बर्खास्त कर दिया। उन पर आरोप है कि उन्होंने टीवी बहस के दौरान मोहम्मद पैगंबर पर कुछ टिप्पणी की थी, जिससे एक वर्ग के धार्मिक भावनाओं ठेस पहुंची। नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के समर्थन में ट्विटर पर भाजपा कार्यकर्ताओं और सनातनियों ने नूपुर नवीन को वापस लो हैसटैग से किया सर्पोट।

हलांकि प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने सफाई देते हुए अपने शब्द वापिस ले ली है। नूपुर शर्मा ने अपने ट्विटर पर लिखा है कि मैं पिछले कई दिनों से टीवी डिबेट पर जा रही थी, जहां रोजाना मेरे आराध्य शिव जी का अपमान किया जा रहा था। मेरे सामने यह कहा जा रहा था

कि वो शिवलिंग नही फुवारा है, दिल्ली के हर फुटपाथ पर बहुत शिवलिंग पाए जाते है जाओ जा के पूजा कर लो। मेरे सामने बार-बार इस प्रकार से हमारे महादेव शिव जी के अपमान को मैं बर्दाशत नही कर पाई और मैंने रोष में आके कुछ चीजे कह दी।

दिल्ली भाजपा के मीडिया इंचार्ज नवीन जिंदल ने भी अपने ट्विटर पर लिखा कि हम सभी धर्मों की आस्था का सम्मान करते हैं लेकिन सवाल सिर्फ उन मानसिकता वालों से था जो कि हमारे देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणियों का प्रयोग करके नफरत फैलाते हैं, मैंने सिर्फ उन्हीं से एक सवाल पूछ था। इसका अर्थ ये नहीं कि हम किसी भी धर्म के खिलाफ है।

Twitter पर चला ’’नूपुर नवीन को वापस लो’’ हैसटैग

ट्विटर पर हैसटैग ‘‘नूपुर नवीन को वापस लो’’ चलाकर ट्विटर यूजर ने नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल का किया समर्थन।

सनातनी मुश्लिम सूबुही खान ने अपने ट्विटर पर लिखा कि मै आज भी नूपुर शर्मा का समर्थन कर रही हूँ। पहला कारण उन्होंने सिर्फ हदीसों में लिखा दोहराया। दूसरा कारण किसी इंसान को ईश निंदा के लिए दूसरे इंसान को सजा देने का कोई अधिकार नही है। गुस्ताख-ए-रसूल खत्म करना है तो पहले उन हदीसों को जलाओ जो हमारे पैगम्बर का अपमान करते हैं।

पीरसिंह राजपुरोहित लिखते है कि नुपुर शर्मा ने यदि कुछ गलत कहा है तो उसकी समीक्षा करने के लिये संविधान है। ये मुल्क है कोई कबीला नही कि झुंड सड़क पर उतर कर पत्थरबाजी और मनमानी मांग करे? कानून अनुसार यदि नुपुर शर्मा दोषी है तो उन सब मुस्लिम को भी सोचना होगा जो हमारे देवता महादेव का 350 सालों से अपमान कर रहे हैं।

सौरभ ने सवाल करते हुए लिखते है कि पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने वाली नुपुर शर्मा को बीजेपी ने निलंबित किया। अब ज्ञानवापी में शिवलिंग को फव्वारा कहने वाले मौलवियों पर एक्शन कौन लेगा? भावना तो हम हिंदुओं की भी आहत हुई है या हमारी भावना की कोई कीमत नहीं?

राजेंद्र शुकला ने लिखा, जिन्होंने अपने पार्टी के बचाव के लिए अपने परिवार तक को खतरे में डाला, तुष्टिकरण की राजनीति के लिए उन्हें साथ देने के बजाय निष्कासित करना हड़बड़ाहट है, कायरता है।

ठाकुर कृष्णा सिंह लिखते है कि नूपुर शर्मा को पार्टी से निकाल कर भाजपा किसे खुश करना चाहती है? भाजपा के दुश्मन फिर भी इनसे खुश नहीं होंगे और जिंदगी भर वोट नहीं देंगे! आज लाखों भाजपा के कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ दिया है!

अलकेश कुमार ने लिखा कि मै पार्टी में रहते हुए सरकार से पूछता हू की क्या नूपुर शर्मा को निकाल देने से कश्मीर में हिंसा खत्म हो जाएगी, हिंदूभाइयों के ऊपर पत्थरबाजी बंद हो जाएगी, हमारे भगवान को गाली देना बंद हो जाएगा अगर हाँ हो जाए तो ठीक वरना धिक्कार है जहां अपने ही अपनो का साथना दे।

भाजपा कार्यकर्ता अतुल तिवारी ने तो ट्विटर पर ही स्तीफा देकर लिखा, आज से और अभी से मैं बीजेपी का बूथ अध्यक्ष अपने पद से स्तीफा दे रहा हूं तथा अपने साथ 60 कार्यकर्ताओं का भी स्तीफा कुछ देर में पेश कर रहा हूं क्योंकि बीजेपी की मानसिकता अब मुझे ठीक नही लग रही है!

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