कोरियाई सांस्कृतिक केंद्र ने अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा और सांस्कृतिक सेमिनार का किया आयोजन

नई दिल्ली। दिल्ली कोरियाई सांस्कृतिक केंद्र भारत में मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा और सांस्कृतिक सेमिनार-फोकस देश दक्षिण कोरिया का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि किम कुम-प्यौंग, निदेशक, कोरियाई सांस्कृतिक केंद्र भारत और कोरिया पर्यटन संगठन (भारत कार्यालय) के निदेशक जोंग शूल क्वोन रहे। यह कार्यक्रम दिल्ली एनसीआर के स्कूलों के प्रिंसिपल, निदेशक और शिक्षाविदों के लिए आयोजित किया गया था।
17 स्कूलों के प्रिंसिपलों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। प्रतिभागियों ने 360 डिग्री वर्चुअल रियलिटी उपकरणों के माध्यम से विभिन्न कोरियाई सांस्कृतिक स्थलों का अनुभव किया। इस दौरान उन्होंने कोरियाई सांस्कृतिक केंद्र का दौरा भी किया और पारंपरिक कोरियाई पोशाकों का अनुभव लिया। प्रिंसिपल और शिक्षाविदों को कोरिया के विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में उजागर किया गया।
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इस अवसर पर निदेशक किम कुम-प्यौंग ने भारत और कोरिया के बीच संबंधों के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्य साझा किए। उन्होंने कहा कि कोरिया को परंपरागत खेल जैसे गुल्ली-डंडा और लटटू भारत द्वारा ही प्राप्त हुए हैं। 2000 साल पूर्व अयोध्या, उत्तर प्रदेश की राजकुमारी ने कोरिया के राजकुमार से शादी की थी, जिससे काफी सारे भारतीय कोरिया जा के वस गए और कोरिया को ये गेम्स उपहार स्वरुप मिल गए। उन्होंने कहा कि कोरियाई सांस्कृतिक केंद्र भारतीय छात्रों का के.सी.सी यात्रा कार्यक्रम और कोरिया एक्सपीरियंस कार्यक्रम के माध्यम से कोरिया का अनुभव करने का न्योता देता हैं । अपने भाषण को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने दर्शकों को बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या की राजकुमारी याद में 10,000 वर्ग मीटर एरिया में पार्क बनवा रही हैं।

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