पत्नी द्वारा सताए गए पतियों के लिए पुरुष आयोग की मांग

नई दिल्ली। देश में न जाने ऐसे कितने मामले है जहां एक विवाहित पुरुष आत्महत्या करने के लिए विवश हो जाता है, ऐसे व्यक्तियों को न्याय दिलाने के लिए ’आवाज ए होप फोर मेन’ नाम की संस्था रविवार को राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रर्दशन किया और सरकार से पुरुष आयोग की मांग की।
संस्था की माने तो हर साल लगभग 64 हजार विवाहित पुरुष आत्महत्या कर रहा है। यह संख्या विवाहित महिलाओं से अधिक है। आत्महत्या करने के कारणों में वैवाहिक कलह होता है, पत्नी, पतियों पर झूठे आरोप लगाकर थाने चली जाती है और ससुराल वालों के खिलाफ केस दर्ज करा देती है जिससे पति का पूरा परिवार परेशान हो जाता है। अधिकतर पति इस परेशानी को दूर करने के बजाए आत्महत्या कर लेता है और उसका पूरा परिवार बर्बाद हो जाता है।
संस्था के आर्यन मित्तल का कहना है कि बलात्कार, छेड़छाड़, दहेज, घरेलू हिंसा और तलाक जैसे मामाले में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। निर्दोष पुरुष और उसका परिवार झूठे आरोपों के साथ लिंगभेदी महिलावादी कानूनों के दुरुपयोग के कारण कोर्ट कचहरी के चक्कर काटता रहता है और बिना किसी सबूतों के कारण जेल में बंद कर दिए जाता है।
राष्ट्रीय हिन्दू सेना महिला विंग अध्यक्ष आस्था मां का कहना है कि महिलाओं द्वारा सताए गए बेगुनाह लोगों के इंसाफ के लिए आज हमें आना पड़ा है। कुछ महिलाओं द्वारा पुरुषों पर झूठे आरोप में फंसाये जाते है हम उनकी लड़ाई लड़ेंगे।

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