कोरोना की तीसरी लहर फरवरी में होगी चरम पर, शोधकर्ताओं ने..

नई दिल्ली। देश में कोरोना की तीसरी लहर से दिन-प्रतिदिन संक्रमित की संख्या में बृद्धि हो रहा है। शुक्रवार को कोरोना (Corona cases) के 1.17 लाख नए मामले सामने आए हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि इस बार कोरोना की तीसरी लहर (Third wave) कब चरम पर होगी? आईआईटी (IIT Madras) के शोधकर्ताओं ने इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी मुहैया कराई है। आईआईटी मद्रास के विश्लेषकों के मुताबिक कोविड-19 के प्रसार का संकेत देने वाले भारत का ‘आर-शून्य’ (R0 ) मान इस सप्ताह चार दर्ज किया गया है जो यह दर्शाता है कि संक्रमण के प्रसार की दर बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है। आईआईटी मद्रास के प्रारंभिक विश्लेषण में कहा गया है कि एक से 15 फरवरी के बीच देश में कोरोना की तीसरी लहर पिक पर होगी।

‘आर-शून्य’ या (R0 ) से यह पता चलता है कि एक संक्रमित व्यक्ति से औसतन कितने लोगों में संक्रमण का प्रसार हो सकता है। अगर यह एक से नीचे चला जाता है तो इस महामारी को खत्म माना जाएगा।

आईआईटी मद्रास की कम्प्यूटेशनल मॉडलिंग के प्रारंभिक विश्लेषण के आधार पर पाया गया कि 25 दिसंबर से 31 दिसंबर के बीच आर जीरो का राष्ट्रीय स्तर पर मान 2.9 था जो इस सप्ताह यानी एक से छह जनवरी के बीच चार तक पहुंच गया। आईआईटी मद्रास के गणित विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. जयंत झा (Dr Jayant Jha) की माने तो आर जीरो तीन चीजों पर निर्भर करता है- प्रसार की आशंका, संपर्क दर और संभावित समय अंतराल जिसमें संक्रमण हो सकता है। उन्होंने बताया कि क्वारंटीन और पाबंदियां बढ़ाए जाने के बाद संक्रमण की दर में कमी आ सकती है। उस स्थिति में आर जीरो का मान कम हो सकता है।

डॉ झा का कहना है कि हमारे प्रारंभिक विश्लेषण के आधार पर हम यह संख्या बता सकते हैं लेकिन यह संख्या कभी भी बदल सकती है। यह मान इस बात पर निर्भर करता है कि लोग सामूहिक जगहों पर किस हद तक एकत्रित होते हैं और एक-दूसरे से कितने संपर्क में रहते हैं। डॉ झा ने कहा कि उनके आकलन के अनुसार कोरोना वायरस की मौजूदा लहर एक से 15 फरवरी के बीच चरम पर पहुंच सकती है और इसके पहले की लहरों की तुलना में तेज रहने की आशंका है। उन्होंने कहा कि यह लहर पहले की लहरों से अलग होगी। उन्होंने कहा कि हालांकि वैक्सीन बीमारी की गंभीरता में प्रभावी भूमिका निभा रही है लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपाय इस बार कम देखे गए हैं। उन्होंने कहा, अच्छी बात यह है कि इस बार करीब 50 फीसदी आबादी का टीकाकरण हो गया है।

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