सशक्त और मजबूत भारत का आधार है हमारा गणतंत्र और संविधान

हितेश कुमार शर्मा, सदस्य भारत विकास परिषद् जब हिंदुस्तान आजाद हुआ था तब पूरे विश्व ने शंका जाहिर की थी कि क्या इतनी विभिन्न भाषाओं, बोलियों, इतने विभिन्न धर्मों, जातियों और संप्रदायों का ये देश कितने दिन एकजुट रह पायेगा, लेकिन उन लोगों को भारत के संविधान की शक्ति, राष्ट्रभक्ति और लोकतंत्र में भारतीयों की आस्था का अंदाजा नहीं था। उन्हें पता नहीं था कि महा जनपदों के काल से लोकतंत्र में आस्था रखने वाला देश है भारत। इसी आस्था को और अधिक दृढ़ व शक्तिशाली बनाने के लिए हम…