वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव को भारत गौरव स्वदेशी सम्मान

-अमित श्रीवास्तव वरिष्ठ पत्रकार, डीडी न्यूज के प्रख्यात एंकर और संपादक अशोक श्रीवास्तव का लन्दन में हुआ सम्मान स ब्रिटेन की संसद के ऊपरी सदन हाउस ऑफ लॉर्ड्स में हुए एक कार्यक्रम में अशोक श्रीवास्तव को भारत गौरव स्वदेशी सम्मान से सम्मानित किया गया स हाउस ऑफ लॉर्ड्स में आयोजित एक कार्यक्रम में ब्रिटेन के सांसद राज लुम्बा ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया स अशोक श्रीवास्तव को मीडिया के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए ये सम्मान दिया गया स गौरतलब है कि अशोक श्रीवास्तव करीब तीन दशक…

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कंझावला कांडः क्या अपने आप में एक रहस्य नहीं है?

31 तारीख़ की देर रात को जो अपराध की घटना कंझावला में घटी, उसे देखकर सुबह देशवासी सन्न रह गए। लोग एक-दूसरे को कह रहे हैं कि ‘क्या कोई इतना क्रूर भी हो सकता है’? लेकिन यहां एक नहीं पांच थे! सूचना मिलने पर पहले तो पुलिस ने सुनी नहीं! सामने आई भी तो अधूरा सच लेकर! मामले को पहली ही नज़र में पुलिस ने एक्सीडेंट करार कर हल्का करने की कोशिश की। एक्सीडेंट में अक्सर आरोपी मारकर बचने के इरादे से मौके से भाग जाते हैं। लेकिन कंझावला कांड…

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Jharkhand: फाइव स्टार हाॅटल-रिसाॅर्ट राजनीति

झारखंड में चुनाव अयोग से गर्वनर के पास पहुंचा लिफाफा, लगता है सियासी हो गया है! कहीं न कहीं गर्वनर की साख़ पर भी अब सवाल उठने लगे हैं। जबकि यह संवैधानिक पद है और राजनीति से अलग होना चाहिए। परन्तु पिछली कुछ घटनाओं ने साफ कर दिया है कि यह केन्द्र में सत्तारूढ़ दल के इशारे पर ही कार्य करता है। इसमें ताजा उदाहरण है महाराष्ट्र का। दूसरा, फाइव स्टार हाॅटल-रिसाॅर्ट पाॅलिटिक्स अब फैशन में आ गई है! यहां भी ताजा उदाहरण महाराष्ट्र का ही है! देशवासियों ने देखा…

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अभिव्यक्ति की आजादी का सही अर्थ क्या है?

विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश का नाम है “भारत“ किसी भी देश की व्यवस्था की जड़े कितनी गहरी है। इस बात का पता तब चलता है कि वहां के नागरिको को क्या अपनी बात कहने का अधिकार है या नहीं? भारत देश की खूबसूरती यही है कि यहाँ हम सबको अपने विचार वयक्त करने की स्वतन्त्रता है। हम चाहे किसी भी धर्म, जाति या समुदाय से क्यों ना सम्बन्ध रखते हो। हमें अपनी बात, विचार या फिर नाराजगी जताने का भी पूरा अधिकार दिया गया है। अभिव्यक्ति की आजादी…

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नेता व एजेंडा विहीन बिहार भाजपा

    बिहार विगत तीस वर्षों से लालू व नीतीशराज से पीड़ित रहा है। यधपि पीड़ित शब्द निराशाजनक है किंतु बिहार की स्थिति को देख कर जिस पीड़ा का अनुभव आज बिहार की आम जनता कर रही है इसके पश्चात पीड़ित शब्द ही उपयुक्त नजर आता है। भाजपा बिहार में एक बड़ी पार्टी है और कुछ महीनों को छोड़ दें तो भाजपा नीतीश कुमार की सहयोगी रही है किंतु बिहार सरकार के बड़े फैसलों में भाजपा की भूमिका कम ही नजर आती है। निकट भविष्य में भी भाजपा सत्ता में…

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