फेक कॉल सेंटर अभियुक्त गिरफ्तार, लगाया 225 लोगों को चूना

प्रमोद गोस्वामी,
नई दिल्ली।
उत्तरी पश्चिमी दिल्ली की रोहिणी जिला पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की। फेक कॉल सेंटर के माध्यम से लगाते थे लोगों को चूना। रोहिणी जिले के विशेष पुलिस बल ने 11 नटवरलाल को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में प्रभात सिंह, रूपेश राज राजपूत, जितेंदर उर्फ बाबू, रॉबिन मैथ्यू, दलीप सिंह, विशाल, रंजन गर्ग, विक्की धवन, विजय धवन, राज कुमार रंजन, राम गोपाल और जितेंद्र सिंह शामिल है, जो बीमा योजनाओं और बीमा लाभों के नाम पर निर्दोष व्यक्तियों को लूटा करते थे। आज दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में है।

मामला कुछ इस प्रकार है। 26 जुलाई 2019 को जिला रोहिणी डीसीपी कार्यालय को एक शिकायत प्राप्त हुई, शिकायतकर्ता ने बीमा लाभ और निवेश योजना के नाम पर धोखाधड़ी करने के बारे में शिकायत दर्ज की। पीड़ित ने बताया कि आरोपी व्यक्तियों ने उन्हें फेक कॉल सेंटर के माध्यम से विभिन्न बीमा योजनाओं में निवेश करने के लिए प्रेरित कर के 20 लाख रुपये धोखाधड़ी कर लूट ली है।

पीड़ित ने बताया, टेली कॉलर ने विभिन्न प्रतिष्ठित बीमा कंपनियों से वास्तविक प्रतिनिधि मानते हुए, विभिन्न खातों में अलग-अलग समय पर रकम जमा कराया था। बाद में जब शिकायतकर्ता ने रिफंड के लिए जोर दिया तो टेली-कॉलर्स ने उसे टाल दिया और अधिक निवेश की मांग की। तब पीड़ित को अहसास हुआ कि वह धोखाधड़ी के गिरोह से फंस गया है। शिकायतकर्ता ने डीसीपी रोहिणी में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर कार्रवाई के लिए विशेष पुलिस टीम रोहिणी जिला ने एफआईआर दर्ज कर जांच में जुट गई।

इस मामले में इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह की देखरेख में आरोपियों को पकड़ने के लिए एसआई दिनेश दहिया, एएसआई बेगराज, एएसआई राजकुमार, एएसआई गुलाब, एचसी प्रवीण, सीटी महेश, सीटी रविंदर, सीटी प्रवीण, एचसी मनदीप, सीटी अरुण की रुप में एक टीम की गठन किया गया। टीम ने कथित बैंक खातों के खाता विवरणों का विश्लेषण शुरू किया, जहां धन हस्तांतरित किया गया और साथ ही कथित फोन कॉल्स के तकनीकी विश्लेषण को भी शुरू किया। जांच के दौरान विभिन्न बैंकों और शाखाओं में 14 खातों की पहचान की गई, जहां शिकायतकर्ता के ठगे गए धन को नकद में स्थानांतरित कर दिया गया। इन सभी खातों का उपयोग देश भर में विभिन्न पीड़ितों से ऑनलाइन हस्तांतरण के माध्यम से धन प्राप्त करने के लिए किया जा रहा था। आरोपियों ने इन खातों से रकम निकालने कि लिए चेक और एटीएम का इस्तेमाल करते थे।

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डीसीपी एसडी मिश्रा, जिला रोहिणी ने शनिवार को जानकारी देते हुए कहा कि देश भर में लगभग 225 पीड़ितों से इन फर्जी खातों में 13 करोड़ रुपये से अधिक के धन हस्तांतरण का पता चला। शिकायतकर्ता के बताए कॉलिंग मोबाइल नंबर और बैंक पंजीकृत मोबाइल नंबर के माध्यम से पुलिस ने आरोपी प्रभात को गिरफ्तार कर लिया गया। अभियुक्त प्रभात के विस्तृत पूछताछ से गिरोह के पूरे तौर-तरीकों और उनके ठिकाने के बारे में पता चला। इसके बाद, पुलिस टीम द्वारा इस मामले में दस अन्य आरोपी व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया गया। आरोपियों के पास से कई दस्तावेज, एटीएम कार्ड और मोबाइल फोन बराबद किए गए है।

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